बुधवार, 18 दिसंबर 2013

मनको धोको

पानी खान भैसी लाया पानी गईछ सुकी /
मन मेरो हौसीया थीयो कर्म मेरो दुखी//
चैत को चर्कीलो घाम टाउको पोली पोली /
सम्झना आयका बेला जहर खौकी गोली//

गैरी खेत लामा गाडा हल बल्ल की दाईछ /
ऐ मेरी हजारी फुल सुर्ता परान ताईछ //
कई ठौर जन्मीया कठै कई ठौर रन भयो /
बाजको हौसीया जोबन मखी ल्य्या ऋण भयो //

मेरी नीमती मेरी ईजु जीउ जन झुराय/
भात खाई हात धुने बेला आगो लई भूराय//
काम गर्दा पसीना आउछ पीठु मा खल खली/
मोबाईल मा मीस काल आउछआखा मा झल् मली

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